गुरुवार, 5 मई 2022

अब यह धूल तू कहाँ से लगवा कर आया है?

 वृज में यशोदा नन्दन श्रीकृष्ण वृज में भक्तों के साथ आनन्द से रह रहे हैं।

एक बार, श्रीकृष्ण खेलने लगे, और खेलते-खेलते, धरती पर लोट_पोट हो गए। जब लोट-पोट हो गये तो सारी रज शरीर पर लग गई। उठे और धीरे-धीरे, चलते हुए मैया के पास चले आये। भीतर से डर भी रहे थे कि मैया डांटेगी।

यशोदा मैया ने देखा अपने लाला को कि यह मिट्टी से भरकर आ गया है। हल्का सा प्यार भरी डाँट के साथ मैया ने कहा-- लाला! यह क्या किया तूने? अभी-अभी तुझे नहला-धुला कर तैयार किया था। अब यह धूल तू कहाँ से लगवा कर आया है? बोल!  किसने कहा था लोट-पोट होने के लिए, पक्की बात है कि तू मिट्टी में खेल रहा होगा।

श्रीकृष्ण तो सभी कलाओं में सम्पूर्ण हैं..................

मैया की डांट सुनकर ऐसा भोला चेहरा बनाया कि मैया बरबस ही हँस पड़ी। उनको अपने लाला के ऊपर प्यार उमड़ आया।

मैया उन्हें पुनः नहलाने ले गईं!




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