मंगलवार, 11 जनवरी 2022

भगवान श्रीकृष्ण उनकी थकावट को देख, प्रकट हो गये……………

भगवान श्रीकृष्ण के महान भक्त श्रील सनातन गोस्वामी जी जब भजन करने के लिए श्रीधाम वृन्दावन में आये तो उनका नियम था कि वे रोज़ श्रीगोवर्धन जी की परिक्रमा करते थे।

धीरे-धीरे वे वृद्ध हो गये और परिक्रमा करते हुए थकने लगे।

एक दिन ऐसे में परिक्रमा के बाद अत्याधिक थकान के कारण वे एक स्थान पर बैठ गये। 

भगवान तो भक्त-वत्सल हैं। प्रकट हो गये और अपने भक्त पर हवा करने लगे। अद्भुत कृपा हुई और थकान मिट गयी, सनातन गोस्वामी जी की।

सनातन गोस्वामी जी ने इस प्रकार अचानक अपने को स्वस्थ महसूस किया तो इधर-उधर देखने लगे कि कौन आया है ?

इधर गोप रूप से आये, भगवान श्रीकृष्ण फटाफट श्रीगोवर्धन जी के ऊपर चढ़ गये और एक शिला को ले आये। श्रील सनातन गोस्वामी जी को शिला दिखाते हुये बोले - बाबा, ये गोवर्धन शिला है। इस पर श्रीकृष्ण के चरणों के चिन्ह हैं , गाय के खुरों के चिन्ह हैं आदि , इसकी परिक्रमा कर लिया करो। इसकी परिक्रमा करने से श्रीगोवर्द्धन की परिक्रमा का फल मिलेगा। इस प्रकार उनको शिला देकर श्रीकृष्ण अन्तर्धान हो गये।

श्रील सनातन गोस्वामी जी ने गोप बालक को इस प्रकार से गायब होते देखा तो समझ गये कि श्रीकृष्ण स्वयं ही आये थे और मैं उन्हें पहचान न सका। यह सोचकर वे थोड़ा विलाप करने लगे।

भगवान का आदेश मानकर शिला की ही परिक्रमा करने लगे।

वो शिला आजकल श्रीदाम वृन्दावन के श्रीराधा-दामोदर मन्दिर में है।


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