पृष्ठ
मुखपृष्ठ
आध्यात्मिक समाचार
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2013
आशीर्वचन
एकादशी पालन शुद्ध भक्ति का अंग है, उसको न मानने से भक्ति का सर्वनाश हो जायेगा।
- भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु जी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें