शनिवार, 24 अगस्त 2013

आशीर्वचन

ईश्वर को देख पाने के लिये आँखें होनी चाहिये। वे इन भौतिक इन्द्रियों से नहीं देखे जा सकते, अतः भक्तियोग वह विधि है जिसके द्वारा इन्द्रियों को पवित्र किया जा सकता है, जिससे हम समझ सकें कि ईश्वर क्या है और कौन है । - श्रील भक्तिवेदान्त स्वामी महाराज

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