जम्मू के राम लीला मैदान की बात है।
वहाँ पर एक यज्ञ का आयोजन किया जा रहा था। इस आयोजन के लिए वहाँ पर बहुत से यज्ञ कुण्ड बनाये गये थे। बहुत बड़ा पण्डाल बनाया गया था।
उस इलाके में बहुत समय से बारिश नहीं हुई थी। अतः बारिश लाने के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया था।
उन्हीं दिनों एक महान वैष्णवाचार्य श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी जम्मू गये। वहाँ पर उन्हें गीता भवन में ठहरना था।
जब श्रील तीर्थ महाराज जी वहाँ पर गये, पहुँचे ही थे कि बहुत तेज़ी से वर्षा होने लगी। इतना पानी बरसा कि कई कुण्ड भी पानी से भर गये।
ऐसे महान वैष्णव श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी कि उनके जम्मू में चरण रखते ही वहाँ का ताप जाता रहा। हवन तो शुरु भी नहीं हुआ था अभी, कि बारिश होने लगी।
ऐसी महिमा होती है, वैष्णवों की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें