. ॥ श्रीसीतारामाभ्याँ नम : ॥
उद्भव स्थिति संहार कारिणीं क्लेश हारिणीम्।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं राम बल्लभाम्।।
अनंतकोटि ब्रहमाण्ड जननी पराम्बा रामचन्द्र राघवेन्द्र सरकार की हृदयेश्वरि श्रीजानकी जी के मंगलमय प्राकट्य उत्सव पर युगल सरकार के श्री चरणों में कोटि-कोटि साष्टांग दण्डवत् प्रणाम।
युगल सरकार से प्रार्थना है कि हमारे हृदय कमल पर सदा विराजमान रहें, अपनी चरणों की रस रूपा प्रेम लक्षणा भक्ति हमें प्रदान करें।
श्रीराम प्राण बल्लभा, विदेहराज नंदनी श्री किशोरी जी के प्राकट्य उत्सव जी समस्त वैष्णव जगत को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
जनकसुता जग जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥
ताके जुग पद कमल मनावउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥
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