सोमवार, 13 अप्रैल 2020

श्रील भक्ति कुमुद सन्त गोस्वामी महाराज जी की उपदेशवाली

🌹सच्चे वैष्णव के हृदय में भगवान नित्य विश्राम करते हैं ।

🌹सच्चे साधु व सद्गुरु श्रीकृष्ण जी के कथारूपी दिव्य ज्ञान के द्वारा भगवान का दर्शन कराते हैं।

🌹केवल निष्काम, निष्कपट, दृढ़ता, सरलता, उदारता और शरणागति के द्वारा श्रीकृष्ण भजन संभव है।

सभी आध्यात्मिक साधनाओं में श्रीकृष्ण जी की कथा सुनना एवं उनकी महिमा बोलना ही सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक साधना है।

🌹भगवान की कथा बोलने वाले  का सही आचरण व भजन में प्रगाढ़ निष्ठा होना अवश्य है। अन्यथा वक्ता और श्रोता दोनों के जीवन में अमंगल पैदा होगा।

🌹संसार में वास्तविक बुद्धिमान व्यक्ति हज़ारों बाधा-विपत्ति व प्रतिकूलता आने पर भी सद्गुरु से प्राप्त श्री हरिनाम को नहीं छोड़ता ।

🌹पूरे विश्व में केवल एकमात्र भगवान श्रीहरि ही मंगलमय वस्तु हैं । उनको परित्याग करके किसी प्रकार से कभी मंगल संभव नहीं हैं। 

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