रविवार, 12 अप्रैल 2020

श्रीविग्रह के रूप में साक्षात् भगवान्


            भारतीय सन्तों की शिक्षाओं के गम्भीर अर्थ को समझना हमेशा आसान नहीं होता है। उन्होंने हमें 'श्रीविग्रह' की सेवा करने की सलाह दी है। विग्रह कोई साधारण  मूर्ति नहीं है। ये कोई मिट्टी का या पत्थर व धातु का पुतला नहीं है। विग्रह तत्व इन सबसे बिल्कुल अलग है। भगवान् सर्वशक्तिमान है। वे अपने भक्तों को सेवा देने के लिए किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं । 

            यदि हम कहते हैं कि भगवान विग्रह के रूप में प्रकट नहीं हो सकते हैं, तो यह एक तर्कहीन बात है। क्योंकि भगवान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। 

         ऐसा नहीं है कि कोई भी वस्तु किसी के भी कहने से सर्वोच्च बन जाएगी। साथ ही यह कहना भी अतार्किक है कि भगवान अपनी इच्छा से  किसी भी वस्तु में, कहीं पर भी व किसी भी रूप में या विग्रह रूप में प्रकट नहीं हो सकते ।

--- श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज

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