परम मंगलमय भगवान की इच्छा से जो कुछ होता है, वह सबके लिए नित्य मंगलमय होता है।
मनुष्य और सभी प्राणी अपने ही कर्मों के फल भोग करते हैं। इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता।
इस क्षणभंगुर संसार में अपने अल्प-कालिक निवास के दौरान हमें किसी भी परिस्थिति से घबरा कर भजन नहीं छोड़ना चाहिए।
श्रीकृष्ण पूर्ण शरणागत जीव कि सदैव रक्षा व पालन करते हैं। उसके लिए चिन्ता करने का कोई कारण नहीं है। भगवान का शरणागत - भक्त सभी परिस्थितियों में शान्त रहता है।
हम परमेश्वर की इच्छा से नियन्त्रित हैं। हम उनकी इच्छा के विरुद्ध कुछ नहीं कर सकते।
वे जो इच्छा करते हैं, उसमें कोई बाधा नहीं डाल सकता।
- श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी।
मनुष्य और सभी प्राणी अपने ही कर्मों के फल भोग करते हैं। इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता।
इस क्षणभंगुर संसार में अपने अल्प-कालिक निवास के दौरान हमें किसी भी परिस्थिति से घबरा कर भजन नहीं छोड़ना चाहिए।
श्रीकृष्ण पूर्ण शरणागत जीव कि सदैव रक्षा व पालन करते हैं। उसके लिए चिन्ता करने का कोई कारण नहीं है। भगवान का शरणागत - भक्त सभी परिस्थितियों में शान्त रहता है।
हम परमेश्वर की इच्छा से नियन्त्रित हैं। हम उनकी इच्छा के विरुद्ध कुछ नहीं कर सकते।
वे जो इच्छा करते हैं, उसमें कोई बाधा नहीं डाल सकता।
- श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी।
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