मंगलवार, 12 अगस्त 2014

श्रीबलराम

श्रीबलराम दशावतारों में से अष्टम अवतार हैं। 

वैभव प्रकाश मूलनारायण बलदेव प्रभु, श्रीगोविन्द की ही प्रकाश मूर्ति हैं। 

Individuality is Propagating Prime cause means the Personal Godhead of all Pervading Function Holder is Lord Balaram.
आप ही भगवान श्रीकृष्ण के स्वयं प्रकाश हैं। आपके शरीर का रंग गोरा है। आपके गुण श्रीकृष्ण के ही समान हैं। आप ही पाँच रूपों अर्थात् महासंकर्षण, कारणोब्धिशायी, गर्भोदशायी, क्षीरोदशायी व अनन्त-शेष से भगवान श्रीकृष्ण की सेवा करते हैं। 

श्रीबलदेव ही मूल गुरु-तत्त्व हैं। श्रीबलदेव जी की कृपा से ही श्रीकृष्ण की सेवा प्राप्त होती है। सद्-गुरु साक्षात् बलदेवाभिन्न स्वरूप होते हैं। श्रीबलदेव जी व सद्-गुरु में यही अन्तर होता है कि श्रीबलदेव विष्णु-तत्त्व हैं, जबकि सद्-गुरु शक्ति-तत्त्व हैं। श्रीबलदेव के चरणों में तुलसी अर्पण होती है, जबकि गुरुदेव के चरणों में नहीं। 

सभी विष्णु तत्त्व तीन शक्तियों से युक्त होते हैं। श्रीबलदेव जी की तीन शक्तियाँ हैं - रेवती, वारूणी व नीला या लीला।

भगवान बलराम की जय !!!!!

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