इतने में मठ (श्रीजगनाथ मन्दिर) का एक ब्रह्मचारी वहाँ पर आ गया व लड़कों को समझाने लगा कि बहस मत करो, अभी प्रसाद नहीं है, आप सब कल आना। लड़के नहीं माने, और हाथा-पाई पर उतर आये। ब्रह्मचारी से उनकी हाथापाई हो गई।
वो सब लड़के लौट गये व कुछ देर बाद अपने गाँव वालों को लेकर आ गये। वे सभी हथियारों से लैस हो कर आये थे । श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ (श्रीजगनाथ मन्दिर) के इन्चार्ज ने स्थिति को भाँपते हुये उस ब्रह्मचारी किसी अन्य रास्ते से कोलकाता भेज दिया ।
सारी बात श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के वर्तमान आचार्य श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी जी के पास पहुँची। आप भगवान के निज-जन हैं व भगवान के हृदय की बात भी समझते हैं।
सारी बात सुनने के बाद आपने कहा --'मुझे श्रीजगन्नाथ जी के सेवक की चिन्ता नहीं है। मुझे चिन्ता है उनकी, जिन्होंने श्रीजगन्नाथ जी के सेवक पर हाथ उठाया है, क्योंकि भगवान जगन्नाथ जी का स्नेह अन्धा होता है, उनके सेवक को कोई परेशान करे, यह उनसे सहन नहीं होता है ।'
कुछ ही दिनों बाद यह सुनने को मिला की उन लड़कों का शराब पीकर आपस में झगड़ा हो गया, व किसी-किसी ने आपस में ही दूसरे को चाकू मार दिया, और एक के तो गोली भी लगी थी।
भक्त रक्षक भगवान श्रीजगन्नाथ जी की जय !!!!!
आपके प्रिय भक्त श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी की जय !!!!!
श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी के आविर्भाव तिथि पूजा महा-महोत्सव की जय !!!!!

.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)

.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें