चाहे आप प्रवृति मार्ग में हों या निवृति मार्ग में आपको भजन तो प्रारम्भ करना ही होगा। यह एक लम्बी यात्रा है।
इसमें हम अकस्मात् कुछ प्राप्त नहीं कर सकेंगे क्योंकि बद्धजीव के लिए शुद्ध-भक्ति, शुद्ध-हरिनाम करना कठिन होता है परन्तु यदि हममें भक्ति करने की सच्ची लगन हो तथा यदि हम ठीक तरह से हरिनाम करें तो श्रीकृष्ण-भक्त आपकी सहायता करने के लिए आ जायेँगे । उनकी कृपा से शुद्ध-भक्ति को प्राप्त करने में सही तरीकों से अपराध रहित हरिनाम करने में सफल हो जाओगे।
बिना साधन के साध्यवस्तु अर्थात् जीवन का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता। आपको लगन से तथा दृढ़ता के साथ साधना करनी होगी।
साधना की सफलता हमारे भजन की तीव्रता पर निर्भर करती है।
-- श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी ।
इसमें हम अकस्मात् कुछ प्राप्त नहीं कर सकेंगे क्योंकि बद्धजीव के लिए शुद्ध-भक्ति, शुद्ध-हरिनाम करना कठिन होता है परन्तु यदि हममें भक्ति करने की सच्ची लगन हो तथा यदि हम ठीक तरह से हरिनाम करें तो श्रीकृष्ण-भक्त आपकी सहायता करने के लिए आ जायेँगे । उनकी कृपा से शुद्ध-भक्ति को प्राप्त करने में सही तरीकों से अपराध रहित हरिनाम करने में सफल हो जाओगे।
बिना साधन के साध्यवस्तु अर्थात् जीवन का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता। आपको लगन से तथा दृढ़ता के साथ साधना करनी होगी।
साधना की सफलता हमारे भजन की तीव्रता पर निर्भर करती है।
-- श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी ।
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