श्रीकृष्ण लीला में आप द्वादश गोपालों में से एक 'महाबाहुसखा' नाम के सखा हैं। आप भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु जी की लीला में श्रील महेश पण्डित के रूप में अवतरित हुए।
श्रीमन् नित्यानन्द प्रभु जिस प्रकार से पतित -पावन और उदार हैं, उनके पार्षद श्रीमहेश पण्डित जी ने भी उसी प्रकार अत्यन्त उदार एवं पतित-पावन होकर जीवोद्धार का कार्य किया था। आप श्रीकृष्ण-प्रेम में उन्मत्त होकर नृत्य करते थे।
आप श्रीकृष्ण की प्रसन्नता के लिए मतवाले होकर फिरकी कि भांति बड़ी तीव्र गति से घूम-घूम कर नृत्य करते थे।
श्रील महेश पण्डित जी की जय!!!!!!
आपकी तिरोभाव तिथि की जय !!!!!



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