मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

दान और सेवा में क्या अन्तर है?

दोनों शब्द एक ही हैं, एक - दूसरे के पर्यायवाची हैं। मठ, इत्यादि संस्थाओं में वैष्णव सेवा के लिये बोला जाता है। अतः हम वैष्णवों को दान नहीं करते। दान वो व्यक्ति देता है जिसको यह घमण्ड होता है कि यह मेरा है। और वो जब यह देता है तो इस भावना से देता है कि मैं परोपकार कर रहा हूँ।
जबकि वैष्णवों के यहाँ तो इस प्रकार की भावना होती है कि हम सेवक हैं और ये मेरी सेवा स्विकार कर रहे हैं। यह मेरा अहोभाग्य है। कर्म-काण्ड में अधिकतर …दान के लिए दक्षिणा शब्द का इस्तेमाल करते हैं, जबकि मठ में प्रणामी शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

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