श्रील नरहरी सरकार ठाकुर - आप भगवान श्रीकृष्ण की लीला में वृन्दावन की मधुमती प्राण सखी हैं, और भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु की लीला में आप श्रील नरहरी सरकार ठाकुर के रूप में आये। श्रीचैतन्य मंगल के रचयिता श्रील लोचन दास ठाकुर जी आपके शिष्य थे। आप निरन्तर श्रीकृष्ण प्रेम में मग्न रहते थे। श्रीकृष्ण-प्रेम के बिना कोई अन्य बात नहीं करते थे । एक दिन श्रीगौरांग महाप्रभु और श्रीनित्यानन्द प्रभु श्रीखण्ड में आपके श्रीपाट पर गये। वहाँ जाकर उन्होंने आप से मधुपान करने की इच्छा प्रकाश की। भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु तथा श्रीनित्यानन्द प्रभु की इच्छा पूरी करने के
लिए आप पास के तालाब के पास गये और अपनी शक्ति के प्रभाव से आपने तालाब के जल को शहद के रूप में बदल दिया तथा उससे श्रीगौरांग महाप्रभु जी व श्रीनित्यानन्द प्रभु जी की प्यास बुझाई।



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