बुधवार, 6 नवंबर 2013

आशीर्वचन

श्रील भक्ति सिद्धान्त सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी कहा करते थे कि ब्राह्मण कुल में उत्पन्न होने पर भी भगवान श्रीरामचन्द्र के चरणों में अपराध के कारण रावण असुर कहलाया। - श्रील भक्ति प्रमोद पुरी गोस्वामी महाराज जी। 

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