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आध्यात्मिक समाचार
बुधवार, 6 नवंबर 2013
आशीर्वचन
श्रील भक्ति सिद्धान्त सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी कहा करते थे कि
ब्राह्मण कुल में उत्पन्न होने पर भी
भगवान श्रीरामचन्द्र के चरणों में अपराध के कारण रावण असुर कहलाया।
- श्रील भक्ति प्रमोद पुरी गोस्वामी महाराज जी।
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