रविवार, 24 नवंबर 2013

आशीर्वचन

शास्त्र वचन है कि कलियुग में कहीं भी, कोई भी अनुष्ठान हो, वह संकीर्त्तन महायज्ञ के बिना पूरा फल नहीं देगा। चाहे हम जितने भी व्रत करें, तीर्थ करें, यज्ञ आदि करें किन्तु संकीर्त्तन के बिना हमें पूरा फल नहीं मिलेगा, इस कलियुग में।                                         आज के इस आधुनिक समय में (कलियुग में) शान्ति प्राप्त करने का एकमात्र उपाय है हरिनाम संकीर्त्तन अथवा हरे कृष्ण महामन्त्र का संकीर्त्तन्।

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