बुधवार, 11 सितंबर 2013

आशीर्वचन

अपना शोक (दुख) दूर करने का एक ही उपाय है । वो यह कि वैष्णवों को प्रसन्न करने की चेष्टा करो। - श्रील भक्त्यालोक परमाद्वैती महाराज  

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