
प्र:- यद्यपि मैं श्री कृष्णभावनामृत से दीक्षित हूँ, तो भी में क्रिस्चियन
संतो की शिक्षाओ से बहुत प्रेरित हूँ। क्या किसी कृष्णभावनामृत के लिए यह उचित
है?
उ:- अगर किसी और धर्म से कुछ भी सीखने को मिलता है तो उसे ग्रहण करने में कोई
बुराई नहीं है। किसी भी अन्य धर्म के अच्छे गुण, उनके अभ्यास की तीव्रता और उनके
समर्पण को देखकर हमें प्रेरित होना चाहिए। हमें श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं को देखना होगा जो कि गोपियों की भक्ति
को सर्वोत्तम कहते है। गौड़ीय मठ के सभी दीक्षित भक्तों को श्री चैतन्य महाप्रभु की
शिक्षाओ को समझना जरुरी है तभी वे शुद्ध भक्ति को समझ पाएंगे।
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