मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023

भगवान सुनते हैं वो पुकार जो……

बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में एक व्यक्ति रहता था। उसकी दो बेटियाँ थीं। जब वे बड़ी हो गईं तो उसने उनकी शादी कर दी। एक बेटी की शादी माली के साथ हुई और एक की कुम्हार के साथ। शादी के कई महीनों बाद उसने सोचा कि चलो, बेटियों को मिल आते हैं। हाल-चाल पूछ आता हूँ। उन दिनों फोन आदि तो होते नहीं थे।

सबसे पहले वो पहले दूर के गाँव में छोटी बेटी के यहाँ गया जिसकी शादी माली से हुई थी। बेटी पिता जी को आया देख, बहुत खुश हुई। बहुत आवभगत की उसने अपने पिता जी की। भोजन करे लेने के बाद, जब अकेले में दोनों बैठे तो पिता जैसे अपनी बेटी को पूछता है, वैसे ही उसने भी पूछा- बेटी! घर में सब कुछ ठीक है? किसी प्रकार का कोई कष्ट तो नहीं है?

बेटी ने कहा- पिता जी, सब कुछ ठीक है। लेकिन बहुत दिनों से वर्षा नहीं हो रही है। मेरे पति ने बहुत खेती करी हुई है। अगर पानी नहीं बरसा तो फसल सूख जायेंगी। बहुत मुश्किल हो जायेगी। कैसे कमाई होगी? बिना आमदनी के तो हम भूखे मर जायेंगे। आप………भगवान से मेरे लिए प्रार्थना करना।

पिता जी ने कहा- ठीक है, मैं भगवान से तुम्हारे लिए प्रार्थना करूँगा।

इसके बाद पिता जी दूसरी बेटी के घर गये, जो दूर किसी और गाँव में रहती थी। पिता जी को आया देख वो बहुत खुश हुई। बहुत आव-भगत की उसने।

कुछ देर बाद जब बैठे, तो पिता ने बेटी को पूछा- बेटी!, घर में सब ठीक है, कोई परेशानी तो नहीं?

बेटी ने कहा- पिता जी! आजकल मैं बहुत खुश हूँ। गर्मी पड़ रही है, हमारे मिट्टी के बर्तन जल्दी सूख जाते हैं। बहुत बिक्री हो रही है। आप भगवान से यही प्रार्थना करना कि बारिश न हो।

ठीक है, कहकर पिता ने उस बेटी के घर से भी विदा ली।

मार्ग में चलते हुए सोचने लगा कि क्या करे? किसके लिए प्रार्थना करूँ? छोटी के लिए करूँ या बड़ी के लिए? एक को बारिश चाहिए और एक को नहीं चाहिए! क्या करूँ? मैं तो दोनों को ही सुखी देखना चाहता हूँ। 

एक दुनियावी पिता के लिए यह दुविधा हो सकती है। एक आम आदमी, मनुष्य की ये परेशानी हो सकती है, अथवा अन्य परेशानियाँ हो सकतीं हैं, किन्तु जो सबके पिता हैं यानिकि भगवान, उनके लिए ये क्या खास बात है। 

वे तो सर्वशक्तिमान हैं! वे कुछ भी कर सकते हैं! वे चाहें तो एक बेटी के घर वाले गाँव में बारिश और दूसरी के घर  वाले गाँव में सूखा कर सकते हैं! अचिन्त्य भगवान की अचिन्त्य शक्तियाँ हैं। 

ऐसे अनेक उदाहरण तो हम भी देखते हैं।  जैसे, समुद्र का खारा पानी होता है। उसके किनारे ऊँचे वृक्ष होते हैं, नारियल के फल होते है, लेकिन उनमें पानी कितना मीठा होता है।  सोचने की बात है कि कितनी अद्भुत बात है कि खारे पानी के किनारे मीठे पानी वाले फल होते हैं? यह भगवान की अचिन्त्य शक्ति है।

और भी बहुत से उदाहरण हैं।  

अगर हम भगवान से प्रार्थना करें तो वे हमारी पुकार अवश्य सुनते हैं और हमारी इच्छा को पूरी भी कर देते हैं।  लेकिन इसके लिए एक शर्त है - वो है शरणागति। हमें भगवान का होकर उनसे उनके लिए प्रार्थना करनी पड़ेगी, तब भगवान हमारी सुनते हैं। 

एक पुरानी कहावत है - 

भगवान सुनते हर पुकार जो दिल से होती है, 

मुश्किल यह है कि ये मुश्किल से होती है।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें