सोमवार, 30 मई 2022

बोल तुझे यह माखन चाहिए कि वो चन्द्रमा चाहिए?

वृज में जब दो-तीन असुरों का वध हो गया तो सब गोप-गोपी इस बात से डरने लगे कि अब तो यहाँ असुर आने-जाने लगे हैं

जब उन्होंने देखा कि श्रीकृष्ण का बलराम जी से बहुत अधिक स्नेह है तो उन्होंने दोनों को इकट्ठा कर दिया ताकि वे घर से बाहर न निकलें।

कन्हैया भी अपने खेले से सबका मन लगाये रखते।

कभी कोई गोपी कहती-- लाला, तू मुझे ये लाकर दे।

श्रीकृष्ण फटाफट भाग कर जाते और उठा कर ले आते। सब हैरान हो जातीं कि इतना छोटा सा बच्चा, इतनी भारी वस्तु कैसे उठा लाया है?

कभी-कभी श्रीकृष्ण खाली हाथ ही लौट आते और हाथ पसार देते कि मुझे कुछ दो।  उनकी यह लीला देखकर सब हँस पड़तीं

किन्तु मैया यशोदा जब कुछ लाने के लिए बोलतीं तो श्रीकृष्ण सब कुछ छोड़ कर फटाफट भाग जाते और ले आते।

एक बार श्रीकृष्ण ने पानी की मटकी में चन्द्रमा को देखा।

बाल सुलभ हठ करने लगे कि मुझे तो ये चाहिए। मैया ने बहुत समझाने की चेष्टा की किन्तु कन्हैया माने ही नहीं

एक गोपी ने युक्तिपूर्ण तरीके से माखन का एक गोला बनाया और दूर से कन्हैया को दिखाते हुए बोली--- कन्हैया, बोल तुझे यह माखन चाहिए कि वो चन्द्रमा चाहिए?

श्रीकृष्ण ने तुरन्त माखन की ओर दोनों हाथ बढ़ा दिये।

यह देख कर सब हँस पड़े।

गोपी ने शीघ्रता से माखन का वो गोला कन्हैया को दे दिया।




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