गुरुवार, 8 जनवरी 2015

वे ब्राह्मण पुत्र-हीन थे……।

आप भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में अनंग मंजरी हैं। आप ही भगवान श्रीचैतन्य महाप्रभु की लीलाओं में श्रील गोपाल भट्ट गोस्वामी जी के रूप में प्रकट हुए।

आप के प्रमुख शिष्यों में श्रील निवास आचार्य व श्रील गोपीनाथ पुजारी जी का नाम आता है।

एक बार आप श्रीहरिनाम के प्रचार के लिए हरिद्वार के निकट सहारनपुर में गये। 

वहाँ पर एक सरल भक्तिमान ब्राह्मण ने निष्कपट भाव से श्रील गोपाल भट्ट गोस्वामीजी के चरणों की बहुत सेवा  की।

वे ब्राह्मण पुत्र-हीन थे। श्रील गोपाल भट्ट गोस्वामी जी  ने उनके हृदय के भावों को जानकर, हरिभक्ति परायण पुत्र प्राप्त होने के लिये उनको आशीर्वाद दिया।
ब्राह्मण ने तब यह वादा किया कि वे अपने पहले पुत्र को श्रील गोपाल भट्ट गोस्वामी की सेवा में समर्पित कर देंगे।

उस ब्राह्मण को श्रील गोपाल भट्ट गोस्वामी जी की कृपा से सुन्दर पुत्र की प्राप्ति हुई। उस ब्राह्मण के वे पुत्र ही श्रीगोपीनाथ पुजारी थे।

श्रील गोपाल भट्ट गोस्वामी जी की जय !!!!!

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