शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

श्रील भक्ति विनोद ठाकुर

श्रील भक्ति विनोद ठाकुर जी ने स्वरचित 'गीतमाला' नामक भजन ग्रन्थ में एवं श्री राधाकुण्ड में श्री ललिता सखी के कुंज - श्रीव्रजस्वानन्द सुखद कुंज में भजन का आदर्श दिखा कर श्रीरूप मंजरी की अनुगत 'कमल मंजरी' के रूप में अपना सिद्ध परिचय दिया है। 

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