संसार में रहते समय, नाना प्रकार की असुविधाएँ हैं; किन्तु उन असुविधाओं से घबराना या असुविधाएँ दूर करने का प्रयत्न करना ही हमारा उद्देश्य नहीं है। ये सारी असुविधाएँ दूर होने के बाद हम कौन-सी वस्तु को प्राप्त करेंगे, हमारा नित्य जीवन क्या होगा, ये सब बातें, यहाँ रहने तक हमको जान लेने की आवश्यकता है। - श्रील भक्ति सिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी ठाकुर प्रभुपाद ।

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