एक बार लुधियाना के एक भक्त आसाम गये।
श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ के प्रचार प्रोग्राम चल रहे थे। पहले तेज़पुर में प्रोग्राम हुआ, फिर ग्वालपाड़ा में हुआ। गुवाहाटी में हुआ और उसके बाद सरभोग में प्रोग्राम हुआ।
सरभोग में उन भक्त ने गुरूदेव ॐ विष्णुपाद 108 श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी से कहा- महाराज! मैंने सुना था कि आसाम में बहुत बारिश होती है, लगातार होती रहती है। मैं देखने आया था कि यहाँ पर कैसी बरसात होती है। पर एक महीना होने वाला है, बारिश तो पड़ी ही नहीं?
श्रील गुरूदेव ने कहा- बारिश को देखना है?
भक्त ने कहा- हाँ जी1 इच्छा तो थी।
ये बातचीत शाम को हुई थी। उसी रात से बारिश शुरु हो गई। दो दिन लगातार बारिश होने से सरभोग में पानी भरना शुरु हो गया। जब पानी कमरों में घुसने लगा तो वे भक्त श्रील गुरू जी के पास गया व बोले- महाराज, कमरों में पानी आने लगा अब तो।
श्रील गुरु महाराज जी मुस्कुराये व बोले- आपने कहा था ना, कि बारिश देखना है। देखो, बारिश।
भक्त- नहीं! नहीं! सारा बिस्तर भीग जायेगा, इसको रोकिये।
ऐसे अद्भुत शक्ति सम्पन्न रहे, हमारे गुरूदेव।
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