बुधवार, 11 अगस्त 2021

तीर्थ यात्रा करें तो उसका फल भी पूरा प्राप्त करें -- 1

 तीर्थ स्थानों पर जाने को तीर्थ यात्रा कहते हैं।

तीर्थ का हिन्दी में अर्थ होता है पवित्र। पवित्र स्थान -- अर्थात् परम पवित्र हैं भगवान श्रीहरि। भगवान ने किसी स्थान पर कोई भी लीला करी, उसे तीर्थ कहते हैं। भगवान वहाँ आये हैं, अथवा भगवान वहाँ प्रकट हुए हैं (चाहे स्वरूप में अथवा चाहे विग्रह के रूप में), वह स्थान पवित्र है, तीर्थ है। 

इसके अलावा भगवान के भक्तों ने जहाँ पर  कोई साधना की है, कोई भगवद् अनुभूति प्राप्त की है, किसी भक्त पर कृपा की है तो वो स्थान भी परम पवित्र होता है।

 एक प्रसिद्ध वाक्य है -- जहाँ वैष्णव हैं, वही वृन्दावन है। वही स्थान पवित्र है।

तीर्थ यात्रा में अगर हम कहीं जायें तो सबसे महत्वपूर्ण होता है कि जिस स्थान पर हम जा रहे हैं, वहाँ पर भगवान ने अगर कोई लीला करी है अथवा भगवान के भक्तों ने कोई लीला करी है, तो उसके बारे में श्रवण, स्मरण व कीर्तन होना बहुत ज़रूरी है। हम तीर्थ पर गये और एक पर्यटक की भांति घूम कर आ गये तो वो तीर्थ यात्रा नहीं कहलाती है। तीर्थ यात्रा का वास्तविक फल है-- तीर्थेश्वर भगवान के श्रीचरणों में भक्ति होना वो नहीं होगा अगर हम पर्यटक की भांति घूम कर आ जाते हैं। 

अगर तीर्थ में जायें तो ऐसी व्यवस्था अवश्य करें कि हम उस स्थान पर बैठ कर, रहकर भगवान व भक्तों की लीलाओं का स्मरण, पठन, श्रवण कर सकें। 

दूसरी बात, बिना भगवद् भक्तों के, भगवान की वास्तविक बातों का पता नहीं चलता है। इसलिए तीर्थ यात्रा में यह बहुत महत्वपूर्ण होता है कि वहाँ पर भगवान की महिमा किसी बहुत अच्छे भक्त से सुनें अथवा किसी बहुत अच्छे भक्त की लिखी बात को पढ़ें अथवा चर्चा करें।

अगर हम किसी तीर्थ स्थान पर जायें और वहाँ पर हमसे जाने-अनजाने कोई भूल हो जाती है, तो वो एक प्रकार का अपराध है। अगर ऐसा हो जाता है तो उसके निवारण के लिए, तीर्थ स्थान पर कीर्तन होता बहुत ज़रूरी है।

इसलिए तीर्थ स्थान पर जाने से पहले वहाँ पर उस स्थान की महिमा कीर्तन, स्मरण, पठन की व्यवस्था करनी चाहिये। वहाँ पर संकीर्तन करना चाहिए। बिना संकीर्तन के तीर्थ यात्रा पूरा फल देगी ही नहीं।

विशेषकरके अगर हम हरे कृष्ण महामन्त्र का कीर्तन कर सकें तो यह निश्चित है कि हमें तीर्थ यात्रा का पूरा फल मिलेगा।

(हरे कृष्ण महामन्त्र - 

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥)


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें