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आध्यात्मिक समाचार
मंगलवार, 1 जनवरी 2019
नारायण इति समर्पयात् ।
आपकी सारी की सारी क्रियायें, भगवान के लिये ही होनी चाहिए।
'नारायणेति समर्पयेत् '।
अर्थात् सभी कुछ भगवान नारायण के अर्पण करो और सभी कुछ उन्हीं की सेवा के लिए ही करो ।
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