गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

न्यूटन से पहले ही गुरुत्वाकर्षण के बारे में जानते थे आर्यभट्ट।

देश के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक और पूर्व इसरो चेयरमैन वी माधवन नायर का कहना है कि वेदों के कुछ श्लोकों में चंद्रमा पर पानी मौजूद होने का वर्णन किया गया है। इसके अलावा श्रीनायर ने कहा कि आर्यभट्ट जैसे खगोल वैज्ञानियों को गुरुत्वाकर्षक बल की जानकारी श्री न्यूटन से पहले ही थी।
पद्म विभूषण अलंकरण से नवाजे जा चुके 71 वर्षीय श्रीनायर के कहा कि भारतीये प्राचीन शास्त्रों और वेदों में धातु विज्ञान, बीजगणित, खगोल शास्त्र, गणित वास्तुकला और ज्योतिष शास्त्र की जानकारी, पश्चिमी दुनियाँ को यह ज्ञान हासिल होने से कहीं पहले मौज़ूद हैं। वेदों पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए श्रीनायर ने कहा कि वेदों में यह जानकारियाँ जिस तरह सूत्रों में दी गयी गयी हैं, उसके चलते आधुनिक विज्ञान के लिए इन्हें स्वीकार करना कठिन होता है। वेदों के कुछ श्लोकों में बताया गया है कि चंद्रमा में पानी है लेकिन किसी ने इस पर विश्वास नहीं किया। अपने चंद्रयान मिश्न के ज़रिये हमने इस बात को दुनियाँ में सबसे पहले साबित किया।

इसके अलावा पांचवी शताब्दी के विख्यात खगोल शास्त्री और गणितज्ञ श्रीआर्य भट्ट को लेकर श्रीनायर ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि आर्यभट्टजी और भास्करजी ने न सिर्फ सौरमंडल के रहस्यों को उजागर किया, बल्कि सौरमंडल के बाहर की दुनियाँ की भी खोज की। यह सबसे चुनौतिपूर्ण क्षेत्र है।

चंद्रयान मिश्न के लिए आर्यभट्टजी के सिद्धान्तों को इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के संबंध में न्यूटनजी ने श्रीआर्यभट्ट के 1500 साल बाद जो जानकारी दी, वह हमारे शास्त्रों में पहले से मौज़ूद है। 

श्रीनायर वर्ष 2003 से 2009 तक इसरो के चेयरमैन थे।

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