रविवार, 16 अक्टूबर 2016

जब बाज़ आपको उठाकर हवा में ले गया……

आपके जन्म के समय वहाँ के प्रसिद्ध ज्योतिषगण ने घोषणा की कि आप आगे चल कर एक दिन अलौकिक प्रतिभा-सम्पन्न, महापुरुष के रूप में प्रकाशित होंगे। आप दीर्घकाय, महाज्ञानी, शास्त्रज्ञ, सुन्दर, ब्रह्मचारी-संन्यासी, आचार्य, शूरवीर, धनवान, त्यागी, जितेन्द्रिय, सहिष्णु, स्थिर-चित्त, दानशील तथा अखिल गुणविशिष्ट परम धार्मिक महापुरुष होंगे।

जब आप कुछ बड़े हुये, तो एक बार आपकी माताजी आपको लेकर अपने पिताजी के घर दुधल गयीं। एक दिन माताजी ने आपके अंगों पर तेल-मर्दन किया व आपको घर के आंगन में कच्ची-धूप में सुला दिया।  फिर वे घर के काम में व्यस्त हो गयीं।
उसी समय अचानक एक विशालकाय बाज़ पक्षी आया और उसने आपको अपनी चोंच में उठाया व आकाश में उड़ गया।

आसपास के लोगों ने जब यह देखा तो खूब शोर मचाया व पक्षी के पीछे-पीछे भागे। माताजी को तो कुछ होश ही नहीं रहा। वे भी भागीं किन्तु शीघ्र ही सुध-बुध खो बैठीं। पक्षी उड़ता-उड़ता एक सरोवर के ऊपर आ गया। उस सरोवर के बीचों-बीच सुपारि का घना वृक्ष था। उसकी शाखायें फैली हुईं थीं, व सरोवर के बीच में ऐसे हो गया था, जैसे शाखाओं ने नाव बना दी हो।

वो पक्षी धीरे-धीरे उन शाखाओं पर उतरा, सावधानी से शिशु को उनपर रखा और आकाश में उड़ गया। लोगों ने शिशु को उठाया, व माता को होश में लाकर उसे सौंपा। फिर सभी घर लौट आये।

सभी एक मत्त में कहने लगे कि भगवान ने विशेष कार्य के लिये ही इस बालक को जन्म दिया है।
यही बालक आगे चल कर जगद्-गुरु श्रील भक्ति सिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी ठाकुर प्रभुपाद जी के शिष्य श्रील भक्ति प्रज्ञान केशव गोस्वामी महाराज कहलाये।

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