बुधवार, 25 नवंबर 2015

भक्त जिन्होंने मगरमच्छ को श्रीकृष्ण-नाम सुनाया……

श्रील सुन्दरानन्द ठाकुर जी श्रीबलराम जी के अवतार श्रीमन् नित्यानन्द प्रभु को बहुत प्रिय थे। आप में कई तरह की अलौकिक शक्तियाँ थीं । एक बार आप भगवान श्रीराधारमण जी की सेवा कर रहे थे और आप ने अपने भक्तों को बोला कि बाहर से कदम्ब के फूल लेकर आओ, मैं उनसे भगवान की सेवा करूँगा। भक्तों ने कहा, 'एक तो यहाँ आस-पास कदम्ब के वृक्ष नहीं है और दूसरा कदम्ब के फूल खिलने का मौसम भी नहीं है। ' 'कदम्ब के फूल तो बाहर हैं', ऐसा बोलकर आप भक्तों के साथ घर से बाहर आ गये। बाहर आकर आपने जम्बीर (संतरे जैसा दिखने वाला फल किन्तु निम्बु की तरह खट्टा) के वृक्ष की ओर इशारा करके कहा, कि यह हैं तो कदम्ब के फूल। भक्त जन यह देख कर आश्चर्यचकित हो गये कि वहाँ पर जम्बीर के वृक्ष पर कदम्ब के फूल खिले हुए थे।                                                                                                    
एक बार श्रीकृष्ण प्रेम के आवेश में आप नदी में कूद गये, और नदी से बाहर निकलते हुए भाव में ही एक मगरमच्छ को नदी से बाहर खींच लाये और उसे कृष्ण नाम सुना कर आपने उसका कल्याण किया ।                                                                             श्रील सुन्दरानन्द ठाकुर तिरोभाव तिथि की जय !!!!!

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