गुरुवार, 25 जून 2015

तुलसी जी की रज

 ऐसा कहते हैं कि मरणासन व्यक्ति के मस्तक पर तुलसी जी की रज, 
अथवा पत्ता अथवा लकड़ी रख देने से उसके जन्म-मरण का चक्कर खत्म हो जाता है। यही नहीं तुलसी जी की इतनी महिमा है कि यदि कोई व्यक्ति तुलसी जी के चरणों की रज़ अर्थात् तुलसी जी के गमले की मिट्टी मृत व्यक्ति के मस्तक पर अथवा छाती पर लगा दे तो उसकी भी संसार में वापसी नहीं होती।


 श्रीमद्भागवत् के छठे स्कन्ध में श्री यमराज जी कहते हैं कि जो भगवान के पवित्र नामों का कीर्तन करते रहते हैं, ऐसे लोग मेरी दण्ड की सीमा में नहीं आते। यमदूत उन भक्तों के पास भी नहीं जाते।

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