एक बार श्रील भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज जी के एक शिष्य जो अमृतसर में रहते थे, आपके पास आये। उन्होंने बताया कि महाराज जी, कुछ दिन पहले हमारे पिताजी का देहान्त हो गया । सभी क्रिया-कर्म व पिण्ड दान आदि करने पर भी कभी-कभी देर रात्री में देखा जाता है कि पिताजी घर में घूम रहे हैं।
जिसने हमको जैसा बोला, वैसे हमने उपाय किए परन्तु कोई परिवर्तन नहीं है। इन सब घटनाओं से मेरी पत्नी बहुत घबराई हुई है। हम सब रात भर घर की सभी लाइटें जगा कर रखते हैं व जागते रहते हैं। कृपया हमें बतायें कि हम क्या करें?
उन्होंने ऐसा ही किया और महीना तो बहुत लम्बी बात है, कुछ ही दिनों के बाद उनके पिताजी दिखने बन्द हो गये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें