भगवान श्रीकृष्ण की वंशी, ही श्रीचैतन्य महाप्रभु की लीला में श्रील वंशीदास ठाकुर के रूप में अवतरित हुईं।आप श्रील वंशीवदनानन्द ठाकुर के नाम से भी जाने जाते थे।
आपके पिताजी का नाम श्रीछकड़ी चट्टोपाध्याय व माताजी का नाम श्रीमती चद्रकला देवी था।
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श्रीमन्महाप्रभु के संन्यास ग्रहण करने पर आप, श्रीमती शची माता तथा श्रीमती विष्णुप्रिया जी दे रक्षक-सेवक रूप में नियुक्त हुए थे।
आप 'श्रीप्राणवल्लभ' नामक विग्रहों की सेवा-पूजा करते थे। श्रीमती विष्णुप्रिया जी की इच्छा से आपने श्रीगौरांग महाप्रभु जी के विग्रह की प्रतिष्ठा की थी।
श्रील वंशीवदनानन्द ठाकुर जी की जय !!!!
आपके आविर्भाव तिथि पूजा महा-महोत्सव की जय !!!!

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