



आश्चर्य की बात तो यह है कि श्रीमहाप्रभु जी जब-जब रथ के पीछे चले जाते तब-तब रथ रुक जाता।भगवान श्रीजगन्नाथ प्रतीक्षा करते और देखने का प्रयास करते कि राधा कहाँ है? व्रजवासी कहाँ हैं?

-- श्रील लोकनाथ स्वामी (हिन्दी मासिक पत्रिका भगवद्दर्शन जनवरी 1994 से संग्रहीत)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें