शनिवार, 14 सितंबर 2013

सुखी गृहस्थ जीवन के लिये क्या करें ?

किसी गृहस्थ - भक्त को भक्ति-विरुद्ध कर्मों एवं आदतों का त्याग करते हुये श्रीकृष्ण व उनके भक्तों की सेवा  के लिये गृहस्थ जीवन यापन करना चाहिये। उसे ये मनना चाहिये कि श्रीकृष्ण ही घर के स्वामी हैं और घर में रहने वाले सभी श्रीकृष्ण के सवक हैं। श्री चैतन्य महाप्रभु जी की गृहस्थ-भक्तों को सलाह है कि वे श्रीविग्रह की अर्चना, वैष्णवों की सेवा एवं हरिनाम संकीर्तन करें। यदि श्रीविग्रह की अर्चना में कठिनाई हो तो उन्हें वैष्णव-सेवा व नाम-संकीर्तन तो अवश्य ही करना चाहिये। शुद्ध-भक्तों के संग से वे प्रेरणा
प्राप्त करेंगे तथा उन्हें याद रहेगा कि उनका जीवन श्रीकृष्ण की सेवा के लिये है, अन्य किसी के लिये नहीं। एक गृहस्थी के लिये आसपास के वातावरण एवं क्षणिक अनित्य शरीरिक सम्बन्धों के प्रभाव से अपने-आप को पूर्णतः मुक्त रखना बहुत मुश्किल है । - श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज  ।

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