बुधवार, 12 सितंबर 2012

श्रील भक्ति सारंग गोस्वामी महाराज



गौड़ीय संघ के संस्थापक आचार्य का जन्म 3 फरवरी 1888 में उच्च कुलीन ब्राहमण परिवार में हुआ । १९२० में वह गौड़ीय मिशन के सम्पर्क मे आए ।
 
आप परमपूज्यपाद नित्यलीलाप्रविष्ट ॐ विष्णुपाद 108 श्रीश्रीमद्भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी ठाकुर प्रभुपाद जी के बहुत विश्वासपात्र थे और गौड़ीय वैष्णववाद के महान प्रचारक थे ।

आपने अपने प्रभावशाली आचरण व अदभुत वाणी श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु जी के संदेश का जोर-शोर से प्रचार किया ।  गौड़ीय मिशन के इस सशक्त कार्य को  उन्होनें बहुत उत्साह के साथ भारत तथा विदेशो में  अंजाम दिया। 

सन 1935 मे श्री मायापुर धाम में तत्कालीन गवर्नर सर एंडरसन उनके भाषण से बहुत प्रभावित हुये थे और उन्होंने   उनका परिचय  पूर्व वायसरॉय वेलिंगटन से करवाया था और उन्हे अपने विचारों को पश्चिम मे  पेश करने के लिय आमंत्रित किया  था । श्रील प्रभुपाद जी ने 1936 मे आपको इंग्लैंड मे प्रचार करने  लिए भेजा था ।
 
आपने सम्राट,  महारानी,  राजसी परिवार, तथा साधारण समाज  तक सब को   अपने गुरु का सन्देश पहुँचाया |
 
आप १९३७ में ऑक्सफोर्ड लन्दन  मे  वर्ल्ड कांग्रेस मे हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि के रूप मे  मुख्य वक्ता थे | आपने लन्दन मे तथा ऑक्सफोर्ड मे  लोर्ड ज़ेल्टलैंड  की अध्यक्षता मे प्रभावशाली प्रवचन दिया था। आपके प्रवचन सुनने के बाद लोर्ड ज़ेल्टलैंड ने एक बार कहा कि  मैंने ऐसा प्रवचन पहले   कभी नहीं सुना जिसने मेरी आत्मा का झंकोर कर रख दिया हो ।
 
पूरे भारत मे उन्होंने 24 प्रचार केन्द्रों  की स्थापना की | आपने 20  मई 1964 को नित्यलीला मे प्रवेश किया ।

WRITTEN BY SWAMI B.A. PARAMADVAITI

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