गुरुवार, 4 मई 2017

जब माता चण्डी ने आपके बारे में सच्चाई बताई।

भगवान श्रीनित्यानन्द प्रभुजी की शक्ति श्रीमती जाह्नवा देवी जी एक बार श्रीकृष्ण-नाम प्रचार के लिये वृन्दावन यात्रा पर गयीं। मार्ग में एक गाँव में रुकीं। वहाँ के निवासी वैष्णवों को अच्छा नहीं समझते थे। 

आपको आया देख, सज्जन लोगों ने तो आपका स्वागत किया, किन्तु पाषण्डी लोगों ने आपका उपहास भी किया। वे कहने लगे - अरे देखो! ये लोग, चण्डी माता को छोड़ मनुष्य स्त्री को प्रणाम कर रहे हैं। 

उस दिन जब वे  लोग चण्डी माता की पूजा करने गये तो प्रार्थना करने लगे -- हे माँ! आज उन दुष्टों को मार दो। वे आपके अपराधी हैं। 
रात्री में माता ने उनको स्वप्न में दर्शन दिये व कहा -- अहंकार के नशे में भक्तों की निन्दा मा करो। जिनको तुम मनुषय कह रहे हो, वे तो श्रीबलराम के अवतार श्रीनित्यानन्द जी की शक्ति हैं। उनका नाम श्रीमती जाह्नवा ईश्वरी है। उनका नाम लेने मात्र से ही भव-भय दूर हो जाते हैं। वे तो करुणा की मूर्ति हैं। सभी को मेरे प्रभु की भक्ति प्रदान करती हैं। उनके गुण्गान से त्रिताप की ज्वाला शान्त हो जाती है। तुरन्त जाकर उनकी शरण लो, अन्यथा मुझे तुम लोगों का वध करना पड़ेगा। 

सभी एक दम से हड़बड़ा कर उठ बैठे। 

सुबह होते ही वैष्णव-शिविर की ओर भागे और श्रीमती जाह्नवा देवी के शरणागत हो गये। श्रीमती जाह्नवा देवी तो जानी-जान हैं। उन्होंने उन सब कर कृपा करके उनको भगवान श्रीकृष्ण के भक्ति रस में डुबो दिया।

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