गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

आशीर्वचन

जीवन का उद्देश्य अच्छे कार्य करना है। ऐसे कार्य जिनसे आपसी प्रेम बढ़े, वातावरण में प्रसन्नता छाये किन्तु यह सब अपने स्वार्थ के लिये नहीं अपितु भगवान के लिये हों , जो कि सभी प्राणियों के स्रोत हैं। - श्रील भक्त्यालोक परमद्वैति महाराज जी। 

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