सोमवार, 30 नवंबर 2020

जब आपने सूर्य की गति रोक दी……

 एक बार आपके घर पर कुछ सन्नयासी भक्त आये। आपने उनकी खूब आवभगत की।  सन्ध्या का समय था। जब आपने उनसे भोजन करने का आग्रह किया तो उन्होंने बताया कि वे सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करेंगे। सूर्य अस्त होने ही वाला था। आपने अपने अतिथियों से कुछ देर रुकने के लिये निवेदन किया व स्वयं घर से बाहिर चले गये। निम्ब (निम्बु) के वृक्ष के ऊपर चढ़ कर, अपने योग-बल से आपने सूर्य की गति को रोक दिया। सूर्यास्त नहीं हुआ। वापिस आकर आपने अपने अतिथियों से कहा कि आप कृपया भोजन करें, सूर्य तब तक अस्त नहीं होगा जब तक आप भोजन नहीं कर लेंगे।   


उस दिन से आप निम्बादित्य अथवा निम्बार्क आचार्य के नाम से प्रसिद्ध हो गये। संस्कृत में निम्बु को निम्ब कहते हैं व सूर्य को आदित्य अथवा आर्क कहते हैं। इन शब्दों को संयुक्त करने से बना निम्ब+आदित्य = निम्बादित्य अथवा निम्ब+आर्क = निम्बार्क ।                                                                                                            

आप भगवान विष्णु के अस्त्र 'सुदर्शन चक्र' के अवतार थे। आप ही कुमार सम्प्रदाय के आचार्य हुये, जो कि चार प्रमाणिक वैष्णव सम्प्रदायों में से एक है।                                                                                                                                                                                   श्रीनिम्बार्काचार्य आविर्भाव तिथि पूजा महामहोत्सव की जय !!!!

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