हर तरह की आध्यात्मिक जिज्ञासा व हमें अपने जीवन में क्या करना चाहिये व क्या नहीं करना चाहिये , कैसे करना चाहिए और कैसे नहीं करना चाहिये, इन सबका प्रमाण हमारे सनातन धर्म के शास्त्र श्रीमद् भगवद् गीता, श्रीमद् भागवत् इत्यादि हैं।
इन ग्रन्थों के अनुसार आत्मा भी होती हैं और स्वर्ग, इत्यादि धामों में देवी-देवता भी होते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें