गुरुवार, 1 मई 2014

आशीर्वचन

 -- शुद्ध हरिनाम करने वालों की सारी ज़िम्मेवारी भगवान अपने ऊपर ले लेते हैंं।

 -- जो लोग अपने गुरुजी का आनुगत्य करना भूल जाते हैं भगवान भी उनको भूल जाते हैं।

 -- विद्यालय में बहुत से छात्र पढ़ते हैं, परन्तु सभी पास नहीं होते हैं। 
जब कोई छात्र फेल हो जाता है तो वह टीचर से कहता है -- सर! मैंने इतना पढ़ा, फिर भी मैं पास नहीं हुआ । 

उत्तर में टीचर कहता है --  'हाँ ! तुम ठीक ही कहते हो, परन्तु तुमने उत्तर ठीक से लिखा नहीं था, इसीलिए फेल हो गए हो।

इसी प्रकार यदि कोई साधक ठीक तरह साधन - भजन करे तो प्रेम-भक्ति की प्राप्ति में देरी नहीं होती। 

परन्तु बहुत से छात्र बिना पढ़े ही पास होना चाहते हैं, इसे केवल मूर्खता कहेंगे क्योंकि भक्ति-धर्म में आप अन्तर्यामी भगवान को धोखा नहीं दे सकते।  --------------

---- परमपूज्यपाद त्रिदण्डिस्वामी श्रीश्रीमद् भक्ति विचार यायावर महाराज जी। 

आपके आविर्भाव तिथि पूजा महामहोत्सव की जय !!!! 

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