मंगलवार, 22 अप्रैल 2014

आप के यहाँ आरती होती है, घंटा बजता है इससे हम लोगों को बहुत परेशानी होती है.....

श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ के अगरतला स्थित श्रीजगन्नाथ मन्दिर की बात है।

श्रील भक्ति सिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी ठाकुर प्रभुपाद जी द्वारा प्रदत्त भजन प्रणाली के अनुसार
मठ में रोज़ाना ठाकुर जी की आरती, पूजा, इत्यादी होती है।

एक दिन मठ में एक लड़का आया व उन्होंने श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी से कहा की आप के यहाँ आरती होती है, घंटा बजता है इससे हम लोगों को बहुत परेशानी होती है, नींद नहीं आती। आप आरती करना बन्द करवा दें, व घन्टा बजाना भी बन्द करें।
उनका घर मन्दिर से लगभग 500 मीटर (लगभग आधा किलोमीटर) दूर था।
श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी ने कहा, कि आपके घर व मठ के बीच में एक तलाब है, व एक चौड़ी सड़क है । उस सड़क पर बहुत सी गाड़ीयाँ आती - जाती हैं, उनके हार्न भी बजते हैं, उनसे आपको कोई परेशानी नहीं हो रही। आपके घर से इतनी दूर मन्दिर की आरती से आपको परेशानी हो रही है।

आपकी बात सुन कर वह व्यक्ति गाली-गलौच पर उतर आया, व आपको भला-बुरा कहने लगा।

कुछ देर बाद आपने उससे कहा, 'भगवान की आरती तो होगी ही ।'

कुछ दिनों बाद पता चला की जिन माताजी ने उस लड़के को भेजा था, वे कैंसर जैसे रोग से पीड़ित हो कर मर गईं।

इस घटना के उपरान्त उनके लड़के मठ में क्षमा माँगने आये । मठ के ब्रह्मचारी ने उनसे कहा -- 'श्रील गुरुदेव तो इस समय यहाँ पर नहीं है, आपको भगवान जगन्नाथ जी से माफी माँगनी चाहिये ।' 

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