मंगलवार, 12 नवंबर 2013

क्या गुरु कि आवश्यकता है?

कभी-कभी कुछ लोग यह पूछते हैं कि क्या आध्यात्मिक उन्नति के लिये गुरु के पास जाकर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिये? उत्तर में यही कहना होगा कि अर्जुन ने भी भगवान को गुरु रूप में स्विकार किया था, तो उसे श्रीगीता का ज्ञान प्राप्त हुआ। (शिष्यस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम् )। वेदों क भी यही उपदेश है -- तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत -- यदि कोई सचमुच आध्यात्मिक जीवन में उन्नति का इच्छुक है तो उसे मार्गदर्शन के लिये गुरु  स्विकार करना चाहिये। ---- श्रील ए. सी. भक्ति वेदान्त स्वामी महाराज जी (Founder - ISKCON) ।


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