शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2013

आशीर्वचन

पूर्व जन्मों के दुःसंस्कारों के कारण यदि दुर्बलतायें हों तो कोई बात नहीं । व्यक्ति में यदि Sincerity है तो गुरु-वैष्णव उसकी सहायता के लिये उसके पीछे खड़े हो जाते हैं - श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी।

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