रविवार, 1 सितंबर 2013

आशीर्वचन

दूसरों का जो व्यवहार हमें अच्छा नहीं लगता, हमें चाहिये कि हम वह व्यवहार दुसरों से भी ना करें। - श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें