गुरुवार, 13 जुलाई 2023

सफल यात्रा के लिए…………

जब कभी यात्रा के लिए घर से निकलें तो वैष्णवों को याद करना चाहिए। 

हमारे मठ में तो सभी की 'जय ध्वनि' देने के बाद यात्रा आरम्भ करते हैं

जय ध्वनि में गुरू जी को याद किया जाता है, परम गुरू जी को याद किया जाता है, प्रभुपाद जी को याद किया जाता है, ………………

वैष्णवों को याद करने से विघ्नों का नाश हो जाता है।

महान वैष्णव आचार्य श्रील नरोत्तम ठाकुर जी ने लिखा…………

जय रूप, सनातन, भट्ट रघुनाथ, श्रीजीव, गोपाल भट्ट, दास रघुनाथ……

एइ छः गोसाईं करि चरण वन्दन, याहा हइते विघ्न नाश, अभीष्ट पूरण…………

अर्थात् मैं इन छः गोस्वामियों की वन्दना करता हूँ, जिनके स्मरण से सारे विघ्न नाश हो जाते हैं और सारी इच्छायें पूरी हो जाती हैं






रविवार, 2 जुलाई 2023

और बारिश होने लगी…

जम्मू के राम लीला मैदान की बात है। 

वहाँ पर एक यज्ञ का आयोजन किया जा रहा था। इस आयोजन के लिए वहाँ पर बहुत से यज्ञ कुण्ड बनाये गये थे। बहुत बड़ा पण्डाल बनाया गया था।

उस इलाके में बहुत समय से बारिश नहीं हुई थी। अतः बारिश लाने के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया था।

उन्हीं दिनों एक महान वैष्णवाचार्य श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी जम्मू गये। वहाँ पर उन्हें गीता भवन में ठहरना था।

जब श्रील तीर्थ महाराज जी वहाँ पर गये, पहुँचे ही थे कि बहुत तेज़ी से वर्षा होने लगी। इतना पानी बरसा कि कई कुण्ड भी पानी से भर गये।

ऐसे महान वैष्णव श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी कि उनके जम्मू में चरण रखते ही वहाँ का ताप जाता रहा। हवन तो शुरु भी नहीं हुआ था अभी, कि बारिश होने लगी।

ऐसी महिमा होती है, वैष्णवों की।

गुरुवार, 29 जून 2023

जगह बदलने से कर्मफल नहीं बदलता।

हमारे एक प्रभु जी, कृष्ण नगर मठ में रहते हैं

पहले वो चण्डीगढ़ में थे।

एक दिन वहाँ के इन्चार्ज श्रील भक्ति सर्वस्व निष्किंचन महाराज जी ने उनको किसी गलती पर डाँट दिया।

उन प्रभु जी ने कहा कि मैं अब मठ में नहीं रहूँगा।

महाराज जी ने कहा- कोई बात नहीं तूने जहाँ जाना है चले जा, लेकिन एक बात तो बता। जब तू किसी दूसरी जगह पर जायेगा तो क्या अपनी किस्मत यहीं छोड़ कर चला जायेगा? किस्मत तो तेरे साथ-साथ जायेगी। जो कष्ट तेरे को यहाँ पर मिल रहा है, वो मिलेगा ही, कहीं चला जा। जगह बदल जायेगी, आस-पास के व्यक्ति बदल जायेंगे लेकिन कर्मफल वहीं का वहीं रहेगा। वही कष्ट हर स्थान पर मिलेगा।

वो प्रभु जी इस बात का कोई उत्तर न दे पाए।




मंगलवार, 27 जून 2023

पितृ दोष का उपाय

कभी-कभी देखा जाता है कि घर के बहुत समस्यायें आती ही जाती हैं। कभी-कभी किसी घर से बिमारी जाने का नाम ही नहीं लेती, कई बार नुक्सान ही पीछा नहीं छोड़ता, आदि। ऐसे में अक्सर कह दिया जाता है कि उस घर में पितृ दोष है।

सारे पितृ दोष चले जाते हैं जब व्यक्ति दोनों हाथ उठा कर हरिनाम संकीर्तन करता हुआ नाचता है। अर्थात् उसके ऐसे करने से सभी पितृ लोग प्रसन्न हो जाते हैं।

इसलिए जो लोग दोनों हाथ उठाकर नृत्य-कीर्तन करते हैं, उन्हें पितृ दोष के लिए कोई उपाय करना नहीं पड़ता।























सोमवार, 12 जून 2023

मनुष्य जन्म मिला क्यों है?

श्रीचैतन्य महाप्रभु जी ने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में बताया कि मनुष्य जन्म क्यों मिला है और हमें कहाँ तक जाना है।

श्रीमहाप्रभु जी कहते हैं -- आराध्यो भगवान्………अर्थात् भगवान आपके आराध्य होने चाहिएं

सभी देवी-देवताओं का सम्मान करें, लेकिन जो मंत्र जप है, जो पूजा है, सेवा है, आरती है, प्रसाद खाना है………ये सब भगवान का होना चाहिए।


भगवान में भी बहुत सारे अवतार हैं? 

इसके उत्तर में बताते हैं -- वृजेश तनय……अर्थात् हमारे आराध्य हैं, वृज के ईश यानीकि श्रीनन्द महाराज जी के पुत्र (तनय)  श्रीकृष्ण।


कहाँ पर रहते हैं? 

वे तो श्रीधाम वृन्दावन में ही रहते हैं

कोई कह सकता है कि श्रीकृष्ण तो मथुरा में भी रहे, द्वारिका में भी रहे……उसके उत्तर में कहते हैं कि नन्दनन्दन भगवान श्रीकृष्ण जी ने जो वृन्दावन में लीला की, हमें तो वही चाहिए।


उनकी सेवा-पूजा कैसे करनी है?

उसके उत्तर में बताते हैं -- वृज की गोपियों ने जिस तरह से भगवान की सेवा की, उस स्थिती तक हमने पहुँचना है। 

यह अलग बात है कि हम कहाँ तक पहुँच पाते हैं किन्तु श्रीमहाप्रभु जी ने मनुष्य जन्म का लक्ष्य बता दिया। 

वैसे भगवान की सेवा में शान्त रस होता है, उसके ऊपर दास्य रस, फिर उसके ऊपर सख्य रस, फिर वात्सल्य रस (श्रीनन्द महाराज जी, श्रीमती यशोदा जी आदि), फिर मधुर रस (स्वकीय भाव - श्रीमती सीता जी, श्रीमती लक्ष्मी जी, श्रीमती रुक्मिणी जी आदि) और फिर पारकीय भाव। 

यह पारकीय भाव गोपियों का है। वहाँ तक हमें पहुँचना है।